भारत सरकार ने हाल ही में PM Vishwakarma Yojana की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को आर्थिक और तकनीकी सहायता देना है, जो पारंपरिक काम करते हैं। जैसे दर्जी, बढ़ई, कुम्हार, मोची, सुनार और अन्य शिल्पकार। सरकार चाहती है कि ऐसे कारीगर आत्मनिर्भर बनें और अपने हुनर को आगे बढ़ाएं।
इस PM Vishwakarma Yojana में जुड़ने पर आपको कई फायदे मिलते हैं। सबसे पहले, सरकार आपको ₹15,000 की फ्री ट्रेनिंग देती है। यह ट्रेनिंग आपके पुराने काम को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने में मदद करेगी। इसके अलावा, सरकार आपको ₹3 लाख तक का लोन भी देती है। यह लोन बिना किसी गारंटी के मिलेगा, जो सबसे बड़ी राहत की बात है। खास बात यह है कि लोन पर सिर्फ 5% ब्याज लगेगा, जो आमतौर पर बाजार दर से बहुत कम है।
यह लोन आपको दो हिस्सों में मिलेगा। पहले हिस्से में ₹1 लाख तक का लोन दिया जाएगा, जिसे चुकाने के लिए आपको 18 महीने यानी डेढ़ साल का समय मिलेगा। जब आप यह लोन समय पर चुका देंगे, तब आपको दूसरा लोन मिलेगा। दूसरे चरण में ₹2 लाख तक का लोन दिया जाएगा, जिसे चुकाने की समय-सीमा 30 महीने यानी ढाई साल की होगी। यह पूरी प्रक्रिया बिना गारंटी और आसान शर्तों के तहत की जाएगी।
आवेदन कैसे करें?
अगर आप इस योजना में आवेदन करना चाहते हैं, तो कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। साथ ही, आप कोई पारंपरिक काम करते हों, जैसे दर्जी, बढ़ई, सुनार, कुम्हार आदि। इसके अलावा, आपने पहले किसी और सरकारी स्वरोजगार योजना का लाभ नहीं लिया हो। और आपका बैंक अकाउंट आधार से जुड़ा होना चाहिए। अगर आप इन शर्तों को पूरा करते हैं, तो आप इस योजना के लिए पात्र हैं।
आवेदन की प्रक्रिया भी बहुत आसान है। इसके लिए आपको सबसे पहले pmvishwakarma.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। वहां New Registration के विकल्प पर क्लिक करें। फिर अपने आधार नंबर की मदद से OTP लॉगिन करें। इसके बाद आपको अपना नाम, पता और काम से जुड़ी जानकारी भरनी होगी। ज़रूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक और काम का प्रमाण अपलोड करना होगा। इसके बाद आपका आवेदन पूरा हो जाएगा और आप योजना में शामिल हो जाएंगे।
इस योजना में कुल 18 तरह के पारंपरिक काम करने वाले लोग शामिल किए गए हैं। इनमें दर्जी, कुम्हार, बढ़ई, मोची, सुनार, लोहार, धोबी, नाई, राजमिस्त्री, माला बनाने वाले, मछली पकड़ने वाले, खिलौना बनाने वाले, पत्थर तराशने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, बांस-लकड़ी का काम करने वाले, मूर्ति बनाने वाले, चर्मकार और अन्य शिल्पकार शामिल हैं। यानी अगर आप इन कामों में से किसी से जुड़े हैं, तो आप इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।