हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो, जहां वह अपने परिवार के साथ खुशी से रह सके। लेकिन आज के समय में एक साथ घर खरीदने के लिए पूरे पैसे जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे में होम लोन एक बेहतर विकल्प बन जाता है। अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपको ज्वाइंट होम लोन के विकल्प पर जरूर ध्यान देना चाहिए। खासतौर पर अगर आप शादीशुदा हैं और आपकी पत्नी भी प्रोफेशनल हैं, तो यह विकल्प आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
ज्वाइंट होम लोन क्या होता है और किसके साथ लिया जा सकता है
ज्वाइंट होम लोन का मतलब है कि एक से अधिक लोग मिलकर होम लोन के लिए आवेदन करते हैं। आमतौर पर पति और पत्नी मिलकर यह लोन लेते हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अविवाहित है तो वह अपने माता-पिता या भाई-बहन के साथ भी ज्वाइंट लोन ले सकता है। जब दो लोग मिलकर लोन लेते हैं, तो बैंक की नजर में रिस्क कम हो जाता है, जिससे लोन स्वीकृत होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा बैंक लोन राशि भी ज्यादा देने को तैयार होते हैं, क्योंकि दो लोगों की आय को मिलाकर लोन की योग्यता तय होती है।
ज्वाइंट लोन में आवेदनकर्ता कौन हो सकते हैं–
- पति और पत्नी
- अविवाहित पुरुष या महिला अपने माता-पिता के साथ
- भाई-बहन या दो भाइयों के बीच भी संभव
- पति अपनी बहन को को-एप्लिकेंट बना सकता है
जब दो लोग लोन लेते हैं, तो बैंक को लोन चुकाने का भरोसा ज्यादा होता है, इसलिए लोन जल्दी मंजूर होता है और राशि भी ज्यादा मिलती है।
ज्वाइंट होम लोन पर टैक्स में मिलती है बड़ी छूट
अगर आप और आपकी पत्नी मिलकर ज्वाइंट होम लोन लेते हैं, तो आप दोनों को टैक्स में अलग-अलग छूट मिलती है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत आप दोनों सालाना 1.5 लाख रुपये तक के प्रिंसिपल अमाउंट पर टैक्स छूट ले सकते हैं। इसके अलावा धारा 24 के तहत 2 लाख रुपये तक ब्याज पर भी टैक्स छूट मिलती है। इसका मतलब यह है कि एक ही लोन पर दो लोगों को अलग-अलग टैक्स छूट मिल सकती है, जो कि एक बहुत बड़ा फायदा है। यह सुविधा तभी मिलती है जब दोनों व्यक्ति लोन के को-अप्लिकेंट और प्रॉपर्टी के को-ओनर हों।
महिला खरीदार के लाभ–
- ब्याज दर पर 0.05% तक की छूट
- कुछ राज्यों में स्टाम्प ड्यूटी पर 1% तक की छूट
- रजिस्ट्रेशन फीस में भी राहत
- बैंक लोन की प्रोसेसिंग जल्दी करता है
ब्याज दर और स्टाम्प ड्यूटी
बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां महिला ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें रियायती ब्याज दर पर होम लोन देती हैं। अगर लोन की को-अप्लिकेंट आपकी पत्नी है और उसका नाम प्रॉपर्टी में शामिल है, तो ब्याज दर सामान्य से लगभग 0.05 फीसदी कम हो सकती है। इसके अलावा कई राज्यों में महिला खरीदारों को स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में भी छूट मिलती है। इसका सीधा लाभ आपको लोन की कुल लागत में कमी के रूप में मिलता है। इसलिए अगर आप अपने घर की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम जोड़ते हैं, तो ये फायदे जरूर मिल सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर बेहतर करने और ईएमआई कम करने में भी मददगार
होम लोन को बैंक सबसे सुरक्षित लोन मानते हैं। अगर आप समय पर लोन चुकाते हैं, तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। ज्वाइंट होम लोन लेने से दोनों पार्टनर्स का क्रेडिट स्कोर सुधरता है। अगर आपकी पत्नी भी कमाने वाली हैं, तो दोनों की आय को मिलाकर लोन लिया जा सकता है, जिससे ईएमआई का बोझ भी एक व्यक्ति पर नहीं पड़ता। इससे लोन चुकाना आसान हो जाता है और भविष्य में किसी भी लोन के लिए आपकी विश्वसनीयता भी बढ़ जाती है।
पहली बार घर खरीदने पर ज्यादा फायदे
अगर आप पहली बार घर खरीद रहे हैं, तो आपको अतिरिक्त टैक्स छूट मिल सकती है। सरकार की स्कीम के तहत ऐसे खरीदारों को 50 हजार रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती दी जाती है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं, जैसे कि लोन की रकम 35 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और घर की कीमत 50 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, घर की स्टाम्प ड्यूटी वैल्यू 45 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए। अगर आप इन शर्तों को पूरा करते हैं, तो आपको यह छूट मिल सकती है।