जब भी पैसे की बात आती है, तो हर कोई चाहता है कि उसका पैसा सही जगह पर लगे। ऐसे में सोना एक ऐसा विकल्प है, जिसे लोग सालों से सुरक्षित मानते आ रहे हैं। सोने की सबसे खास बात यह है कि यह समय के साथ अपनी कीमत खोता नहीं बल्कि बढ़ाता है। यही कारण है कि जब भी बाजार में उतार-चढ़ाव आता है या कोई आर्थिक संकट होता है, लोग सबसे पहले सोने की ओर भागते हैं।
भारत में सोने को सिर्फ गहनों के रूप में नहीं देखा जाता, बल्कि एक मजबूत निवेश के तौर पर भी समझा जाता है। निवेशकों को इसमें भरोसा होता है कि उनका पैसा एक ऐसी चीज़ में लगा है जो समय के साथ और मजबूत होती जाएगी।
सोने ने शेयर बाजार से बेहतर रिटर्न दिया है
अगर पिछले 25 सालों की बात करें, तो सोने ने शेयर बाजार से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। सोने और निफ्टी 50 इंडेक्स की तुलना करने पर साल 2000 से अब तक सोने ने 2,027% का रिटर्न दिया है, जबकि निफ्टी 50 ने 1,470% का।
इसका मतलब है कि जिसने भी बीस साल पहले सोने में पैसा लगाया था, उसे ज्यादा फायदा हुआ है। खास बात यह है कि जब 2008 में दुनिया भर में आर्थिक मंदी आई थी या जब कोरोना महामारी ने सबकुछ रोक दिया था, उस समय भी सोना गिरा नहीं बल्कि लोगों को फायदा हुआ।
2025 और पिछले सालों में भी सोने का प्रदर्शन शानदार रहा
हाल के कुछ सालों में भी सोने ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। 2025 में ही इसकी कीमतों में 18% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, निफ्टी लार्ज मिडकैप 250 में 6% की गिरावट आई। अगर 2024 की बात करें तो सोने ने 25% रिटर्न दिया, जबकि निफ्टी लार्जकैप 250 ने सिर्फ 19%।
यह दिखाता है कि जब शेयर बाजार में गिरावट होती है या अनिश्चितता होती है, तब भी सोना एक स्थिर और मजबूत विकल्प बना रहता है। यही वजह है कि इसे ‘सुरक्षित ठिकाना’ कहा जाता है।
अगर 2005 से लेकर अब तक के रिटर्न को देखें, तो सोने ने हर साल औसतन 20% का रिटर्न दिया है। इतने लंबे समय में सिर्फ तीन बार ऐसा हुआ जब सोने ने नुकसान दिया – 2015 में 8%, 2021 में 2% और 2023 में 18% की गिरावट आई थी। लेकिन फिर भी, इतने सालों में यह नुकसान बहुत ही मामूली रहा।
अब सवाल आता है कि अगर सोने में निवेश करना है तो करें कैसे? पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी SGB एक अच्छा विकल्प हुआ करता था, लेकिन अब वह उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है गोल्ड ईटीएफ।